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प्यार का केमिकल लोचा

Solutions for Life (जीवन संजीवनी)
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प्रिय पाठकों….. यह तो हम सबने पढ़ा …. सुना …. देखा और महसूस किया है कि प्यार हो जाने की स्थिति में व्यक्ति का दिल उसके दिमाग पर हावी हो जाता है…. और इस बात के वैज्ञानिक प्रमाण भी मौजूद हैं कि प्रेमियों की दुनिया में दिमाग बिलकुल अलग तरीके से कार्य करता है…. यही है प्यार का केमिकल लोचा…. अब तो विज्ञान भी प्रेम के होने के प्रमाण जूता रहा है…. आखिर क्या है यह प्यार का केमिकल लोचा?


डोरोथी टेनाय नाम के एक मनोचिकित्सक ने 400 लोगों का अध्ययन कर यह पता लगाने की कोशिश की कि पहला प्यार होने पर उन्हें कैसा महसूस होता है…. उसके इस वैज्ञानिक प्रयोग में सभी ने इस बात को स्वीकार किया कि प्यार का वह अहसास होते समय उन्हें यह महसूस हुआ कि वे जैसे हवा में उड़ रहे थे ….. यह एक सर्वथा अलग किस्म का अहसास है …. पूरे शरीर में एक नशा… और अपने प्रिय के अहसास मात्र से दिल की धड़कन में खास बदलाव…. वैज्ञानिकों ने अपने विभिन्न प्रयोगों और शोधों द्वारा प्यार कि इन ख़ास क्रियाओं को समझने का प्रयास किया है…. जिससे पता चल सके कि आखिर इस प्यार का केमिकल लोचा है क्या?

वैज्ञानिक … ‘फिनाइल इथाइल एमाइन’ …या…. ‘पीईए’ रसायन को ‘लव रसायन’ के रूप में जानते हैं… यही वह रसायन है जो रोमांस के समय उत्तेजना पैदा करता है…. प्यार होने के समय या कहें अपने प्रेमी को देखते समय जब इस रसायन का स्राव होता है तो इसका असर पूरे शरीर में दिखाई पड़ता है…. उदाहरण के तौर पर शरीर की इंद्रियाँ इतनी क्रियाशील हो जाती हैं कि कम रोशनी में भी सब कुछ साफ-साफ दिखाई पड़ने लगता है…. या…. जिस समय आप घर में ऊँघ रहे होते हैं…. इस रसायन के प्रभाव के कारण…. उस समय चुस्ती का अहसास होता है.

यह रसायन एनी क्रियाओं में भी सहायक होता है… जैसे… तेज झूला झूलते समय… ऊँचाई से नदी में छँलाग लगाने पर…. या तेज गति से वाहन चलाते समय शरीर में एक विशेष प्रकार की उत्तेजना होती है…. शोधकर्ताओं का मानना है कि यह आनंद ऐसे ही रसायन के कारण होता है.

‘पीईए’ से एक अवयव न्यूरोकैमिकल डोपामाइन भी निकलता है… प्रेम-प्यार में इसकी क्या भूमिका हो सकती है हाल ही में इसका रोचक प्रयोग भी हुआ है…. चूहों के अंदर सूँघकर पता लगाने की असाधारण क्षमता होती है….. तमाम रोगों के अलावा अपने साथी को प्रजनन के उपयुक्त होने न होने का पता भी चूहे सूँघकर लगा लेते हैं….. एक प्रयोग में शोधकर्ता, चूहों के एक समूह में जिस किसी को भी डोपामाइन की अतिरिक्त मात्रा इंजेक्शन से दे दी जाती थी, मादा चुहिया उसे प्रजनन के लिए चुन लेती थी…. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो नर चूहे को मादा चुहिया द्वारा प्रजनन के लिए चुना जाना इस बात पर निर्भर करता था कि उसके अंदर डोपामाइन का अतिरिक्त रिसाव हो रहा है कि नहीं.

इसी डोपामाइन से ऑक्सीटोन नामक रसायन निकलता है…. महिलाओं में बच्चा पैदा करने और बच्चों को दूध पिलाते समय इस रसायन का बहुत महत्व होता है… शोधकर्ता मानते हैं कि प्रेमियों के आपस में एक-दूसरे को बाँहों में भर लेने और चूमते समय निकलने वाले ये रसायन वास्तव में महिलाओं को मातृत्व की तैयारी करवा रहे होते हैं…. इन रसायनों को पालन-पोषण करने वाला रसायन भी कहा जाता है.

इसी तरह शोधकर्ताओं ने प्यार करने वालों के दिल में धक्-धक् होने का वैज्ञानिक कारण भी खोज निकाला है…. जब प्रेमी एक दुसरे के नजदीक आते हैं….. तो उनका दिल तेजी से धड़कने लगता है… विशेषज्ञ कहते हैं कि इस समय मस्तिष्क में नोरेपाइनफ्रीन नामक रसायन का स्राव हो रहा होता है…. यही रसायन एड्रेरनालाइन हारमोनों को उत्तेजित कर देता है… इसके ही प्रभाव से जब प्रेमी अथवा प्रेमिका एक-दूसरे के पास पहुँचते हैं तो उनका दिल तेजी से धड़कने लगता है.

प्रेमियों के संसार में एक बिल्कुल अलग तरह का मस्तिष्क काम करता है… इस स्थिति को कहा जा सकता है कि ऐसे समय दिल, दिमाग पर हावी हो जाता है… इसके वैज्ञानिक प्रमाण भी मौजूद हैं…. हम अपने सामान्य क्रियाकलापों के लिए दिमाग के ‘कोरटेक्स’ क्षेत्र का इस्तेमाल करते हैं जबकि भावनात्मक निर्णयों के लिए ‘लिम्बिक तंत्र’ जिम्मेदार होता है… जब हम रोमांस के समय मनुष्य के अंदर जिस पीईए रसायन के स्राव की बात करते हैं वस्तुतः ये सब रसायन लिम्बिक तंत्र में ही अपना असर दिखाते हैं.

यदि प्यार-मोहब्बत से थोड़ा बाहर जाकर बात करें तो योद्धाओं को जब बहादुरी दिखाने का समय आता है तो ऐसे ही कुछ अन्य तरह के रसायन ही मस्तिष्क के लिम्बिक तंत्र को अपनी पकड़ में ले लेते हैं…. और सरल भाषा में कहा जाए तो भावनात्मक संबंधों के समय मनुष्य का लिम्बिक तंत्र वाला हिस्सा अचानक सक्रिय हो उठता है…. वैज्ञानिक दृष्टि से कहा जाए तो वहाँ दिल, दिमाग में नहीं बल्कि छाती में पसलियों के बीच कहीं पंप की तरह खून धौंकने में लगा होता है.

धीरे-धीरे दिमाग इन रसायनों का आदी हो जाता है …..और पहली मुलाकात की तरह प्रेमी-प्रेमिकाओं का दिल नहीं धड़कता… तब काम आता है आपके स्वभाव की गंभीरता, धीरज और विश्वास…. जिनके पास यह नहीं होता वे अपना प्यार खो देते हैं…..

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