प्रिय पाठकों….नमस्कार….वैसे तो ब्लोगिंग की दुनिया मे मै अभी नया ही हूँ….और इस मुद्दे पर लिखना शायद मुझे शोभा न देता हो….लेकिन पिछले कुछ समय से जागरण जंक्शन पर….इस तरह की घटनायें/ वाकये घटित हुए हैं और हो रहे हैं….जिस कारण से मै स्वयं को इस विषय पर लिखने से रोक नहीं पा रहा हूँ….
यह हमारा सौभाग्य है की जागरण जंक्शन के रूप मे हम सबको एक ऐसा मंच प्राप्त हुआ है…जिसके माध्यम से हम हिन्दी भाषा मे अपने विचार सुगमता पूर्वक जन सामान्य तक पहुंचा सकते हैं….लेखन एक ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा बड़ी से बड़ी क्रान्ति घटित की जा सकती है….लेकिन इस ताकत का प्रयोग हमे अत्यंत सावधानीपूर्वक करना होगा….नहीं तो कहीं ऐसा न हो की लाभ के स्थान पर हानि हो जाये….
कभी कभी इस मंच पर यह देखने को मिलता है कि लोग उनको मिलने वाली प्रतिक्रियाओं से व्यथित हो उठते हैं और फलस्वरूप कई बार आपा तक खो देते हैं…. यह निश्चित है कि इस संसार मे हर व्यक्ति के मत समान नहीं हो सकते….विचारों मे भेद होना स्वाभाविक है…..और मत मतांतर के द्वारा….एवं एक स्वस्थ वाद विवाद के फलस्वरूप ही हम किसी सही निष्कर्ष पर पहुँचने मे सफल हो पाएंगे….
ब्लोगिग का उदेश्य है किसी भी समस्या अथवा विषय का तार्किक अनुसंधान….. लेकिन यदि हम विचारों के ग्राह्य नहीं हो पाएंगे तब तक निष्कर्ष पर पहुँचना दूर कि कौड़ी ही साबित होगी….. ब्लोगिंग वर्तमान परिपेक्ष्य मे बहुत महत्वपूर्ण है …… स्वस्थ विचार से परिपूर्ण लेख हमारे मन को सुरभित करते हैं और हमारे जीवन को उल्लास से पोषित कर देते हैं….
इसलिए एक ब्लॉगर का यह धर्म है कि वह सकारात्मक …. प्रेरणादायक….. ऊर्जावान… विचारों को लेकर ….. समस्याओं के समाधान को लेकर….. खुशियों के पलों को आपस मे बांटे…. और जागरण जंक्शन के इस पावन मंच पर इस ब्लोगिंग आंदोलन को सकारात्मक गति प्रदान करे….
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